Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
O Glorious Lord, consort of Parvati You might be most merciful . You mostly bless the poor and pious devotees. Your gorgeous variety is adorned with the moon with your forehead and on your ears are earrings of snakes' hood.
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के shiv chalisa lyricsl लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
वस्त्र खाल Shiv chaisa बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥